بِسْمِ اللّهِ الرَّحْمـَنِ الرَّحِيمِ
(Bismillaahir Rahmaanir Raheem)
(बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहिम)
SAY:In the name of Allah , Most Gracious, Most Merciful.
1. وَالْعَصْرِ
(Wal 'asr)
(वल अस्र)
By (the Token of) Time (through the ages),
ज़माने की क़सम है
2. إِنَّ الْإِنْسَانَ لَفِي خُسْرٍ
(Innal insaana lafee khusr)
(इन्नल इन्सान लफ़ी खुस्र)
Verily Man is in loss,
कि इंसान बड़े घाटे में है
3. إِلَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ وَتَوَاصَوْا بِالْحَقِّ وَتَوَاصَوْا بِالصَّبْرِ
(Illal lazeena aamanoo wa 'amilus saalihaati wa tawaasaw bilhaqq; wa tawaasaw bissabr)
(इल्लल लज़ीना आमनू व अमिलुस सालिहाति व तवा सव बिल्हककि वतवा सव बिस सब्र)
Except such as have Faith, and do righteous deeds, and (join together) in the mutual teaching of Truth, and of Patience and Constancy.
सिवाए उन लोगों के जो ईमान लाये नेक अमल करते रहें, एक दुसरे को हक़ (पर क़ायम रहने) की और सब्र करने की ताकीद करते रहें
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