Thursday, 18 March 2021

SURAH AL-ASR (सूरह अल अस्र)

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 بِسْمِ اللّهِ الرَّحْمـَنِ الرَّحِيمِ

(Bismillaahir Rahmaanir Raheem)

(बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहिम)

SAY:In the name of Allah , Most Gracious, Most Merciful.


1. وَالْعَصْرِ

(Wal 'asr)

(वल अस्र)

By (the Token of) Time (through the ages),

ज़माने की क़सम है


2. إِنَّ الْإِنْسَانَ لَفِي خُسْرٍ

(Innal insaana lafee khusr)

(इन्नल इन्सान लफ़ी खुस्र)

Verily Man is in loss,

कि इंसान बड़े घाटे में है


3. إِلَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ وَتَوَاصَوْا بِالْحَقِّ وَتَوَاصَوْا بِالصَّبْرِ

(Illal lazeena aamanoo wa 'amilus saalihaati wa tawaasaw bilhaqq; wa tawaasaw bissabr)

(इल्लल लज़ीना आमनू व अमिलुस सालिहाति व तवा सव बिल्हककि वतवा सव बिस सब्र)

Except such as have Faith, and do righteous deeds, and (join together) in the mutual teaching of Truth, and of Patience and Constancy.

सिवाए उन लोगों के जो ईमान लाये नेक अमल करते रहें, एक दुसरे को हक़ (पर क़ायम रहने) की और सब्र करने की ताकीद करते रहें


Saturday, 13 March 2021

SURAH AL-BAIYINA





بِسْمِ اللّهِ الرَّحْمـَنِ الرَّحِيمِ

(Bismillaahir Rahmaanir Raheem)

(बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहिम)

SAY:In the name of Allah , Most Gracious, Most Merciful.

 1. لَمْ يَكُنِ الَّذِينَ كَفَرُوا مِنْ أَهْلِ الْكِتَابِ وَالْمُشْرِكِينَ مُنْفَكِّينَ حَتَّىٰ تَأْتِيَهُمُ الْبَيِّنَةُ

(Lam ya kunil lazeena kafaru min ahlil kitaabi wal mushri keena mun fak keena hattaa ta-tiya humul bayyinah)

(लम यकुनिल लज़ीना कफरू मिन अहलिल किताबि वल मुशरिकीना मुन्फक कीना हत्ता तअ’ति यहुमुल बय्यिनह)

Those who reject (Truth), among the People of the Book and among the Polytheists, were not going to depart (from their ways) until there should come to them Clear Evidence,-

मुशरिकीन और अहले किताब में जो काफ़िर थे वो उस वक़्त तक बाज़ आने वाले नहीं थे जब तक उन के पास कोई खुली दलील न आ जाती


2. رَسُولٌ مِنَ اللَّهِ يَتْلُو صُحُفًا مُطَهَّرَةً

(Rasoolum minal laahi yatlu suhufam mutahharah)

(रसूलुम मिनल लाहि यत्लू सुहुफ़म मुतह हरह)

An messenger from Allah, rehearsing scriptures kept pure and holy:

अल्लाह की तरफ़ से एक ऐसा रसूल जो पाक सहीफे पढ़ कर सुनाये


3. فِيهَا كُتُبٌ قَيِّمَةٌ

(Feeha kutubun qaiyimah)

(फ़ीहा कुतुबुन क़य्यिमह)

Wherein are laws (or decrees) right and straight.

जिस में दुरुस्त अहकाम लिखे हुए हों


4. وَمَا تَفَرَّقَ الَّذِينَ أُوتُوا الْكِتَابَ إِلَّا مِنْ بَعْدِ مَا جَاءَتْهُمُ الْبَيِّنَةُ

(Wa maa tafarraqal lazeena ootul kitaaba il-la mim b'adi ma jaa-at humul baiyyinah)

(वमा तफर रक़ल लज़ीना ऊतुल किताबा इल्ला मिम ब’अदि मा जा अत्हुमुल बय्यिनह)

Nor did the People of the Book make schisms, until after there came to them Clear Evidence.

और अहले किताब ने अलग रास्ता उसके बाद ही इख्तियार किया जब उनके पास खुली दलील आ गयी


5. وَمَا أُمِرُوا إِلَّا لِيَعْبُدُوا اللَّهَ مُخْلِصِينَ لَهُ الدِّينَ حُنَفَاءَ وَيُقِيمُوا الصَّلَاةَ وَيُؤْتُوا الزَّكَاةَ ۚ وَذَٰلِكَ دِينُ الْقَيِّمَةِ

(Wa maa umiroo il-la liy'abu dul laaha mukhliseena lahud-deena huna faa-a wa yuqeemus salaata wa yu-tuz zakaata; wa zaalika deenul qaiyimah)

(वमा उमिरू इल्ला लियअ’बुदुल लाहा मुखलिसीना लहुद दीन हुनाफ़ा अ वयुक़ीमुस सलाता व युअ’तुज़ ज़काता व ज़ालिका दीनुल क़य्यिमह)

And they have been commanded no more than this: To worship Allah, offering Him sincere devotion, being true (in faith); to establish regular prayer; and to practise regular charity; and that is the Religion Right and Straight.

जब कि उनको सिर्फ ये हुक्म दिया गया था कि वो अल्लाह की बंदगी दीन को उसके लिए खालिस करके करें और नमाज़ क़ायम करें और ज़कात अदा करें और ठीक मिल्लत का यही दीन है


6. إِنَّ الَّذِينَ كَفَرُوا مِنْ أَهْلِ الْكِتَابِ وَالْمُشْرِكِينَ فِي نَارِ جَهَنَّمَ خَالِدِينَ فِيهَا ۚ أُولَٰئِكَ هُمْ شَرُّ الْبَرِيَّةِ

(Innal lazeena kafaru min ahlil kitaabi wal mushri keena fee nari jahan nama khaali deena feeha; ulaa-ika hum shar rul ba reeyah)

(इन्नल लज़ीना कफरू मिन अहलिल किताबि वल मुशरिकीना फ़ी नारि जहन्नमा खालिदीना फ़ीहा उलाइका हुम शररुल बरिय्यह)

Those who reject (Truth), among the People of the Book and among the Polytheists, will be in Hell-Fire, to dwell therein (for aye). They are the worst of creatures.

अहले किताब और मुशरिकीन में से जो ईमान नहीं लाये, वो हमेशा हमेशा दोज़ख़ की आग में रहेंगे यही लोग सब से बदतर मख्लूक़ हैं


7. إِنَّ الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ أُولَٰئِكَ هُمْ خَيْرُ الْبَرِيَّةِ

(Innal lazeena aamanu wa 'amilus saalihaati ula-ika hum khairul bareey yah)

(इन्नल लज़ीना आमनू अमिलुस सालिहाति उलाइका हुम खैरुल बरिय्यह)

Those who have faith and do righteous deeds,- they are the best of creatures.

बेशक जो लोग ईमान लाये और उन्होंने नेक अमल किये, वही सब से बेहतर मख्लूक़ हैं


8. جَزَاؤُهُمْ عِنْدَ رَبِّهِمْ جَنَّاتُ عَدْنٍ تَجْرِي مِنْ تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ خَالِدِينَ فِيهَا أَبَدًا ۖ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهُمْ وَرَضُوا عَنْهُ ۚ ذَٰلِكَ لِمَنْ خَشِيَ رَبَّهُ

(Jazaa-uhum inda rabbihim jan naatu 'adnin tajree min tahtihal an haaru khalideena feeha abada; radiy-yallaahu 'anhum wa ra du 'an zaalika liman khashiya rabbah.)

(जज़ाउहुम इन्दा रब्बिहिम जन्नातु अदनिन तजरी मिन तहतिहल अन्हारु खालिदीना फ़ीहा अबदा रज़ियल लाहू अन्हुम वरजू अन्ह ज़ालिका लिमन खशिया रब्बह)

Their reward is with Allah: Gardens of Eternity, beneath which rivers flow; they will dwell therein for ever; Allah well pleased with them, and they with Him: all this for such as fear their Lord and Cherisher.

उन का बदला उनके रब के पास है, ऐसी सदा बहार जन्नतें जिनके नीचे नहरें बह रही हैं, वो हमेशा उसी में रहेंगे, अल्लाह उन से खुश हुवा और वो अल्लाह से खुश रहेंगे, ये उस शख्स के लिए है जो अपने परवरदिगार से डरता है


Wednesday, 10 March 2021

Surah Al-Balad (सूरह अल बलद)



بِسْمِ اللّهِ الرَّحْمـَنِ الرَّحِيمِ

Bismillaahir Rahmaanir Raheem)

(बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहिम)

SAY:In the name of Allah , Most Gracious, Most Merciful.


1. لَا أُقْسِمُ بِهَٰذَا الْبَلَدِ

(Laaa uqsimu bihaazal balad)

(ला उक्सिमु बिहाज़ल बलद)

SAY:I do call to witness this City;-

मैं क़सम खाता हूँ इस शहर ( मक्का ) की


2. وَأَنْتَ حِلٌّ بِهَٰذَا الْبَلَدِ

(Wa anta hillum bihaazal balad)

(व अंत हिल्लुम बिहाज़ल बलद)

And thou art a freeman of this City;-

कि आप ( हज़रत मुहम्मद सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम ) इसी शहर में रहते हैं


3. وَوَالِدٍ وَمَا وَلَدَ

(Wa waalidinw wa maa walad)

(व वालिदिव वमा वलद)

And (the mystic ties of) parent and child;-

और क़सम है वालिद और उसकी औलाद की


4. لَقَدْ خَلَقْنَا الْإِنْسَانَ فِي كَبَدٍ

(Laqad khalaqnal insaana fee kabad)

(लक़द खलक्नल इन्सान फ़ी कबद)

Verily We have created man into toil and struggle.

यक़ीनन इन्सान को हम ने मशक्क़त में डाल कर पैदा किया है


5. أَيَحْسَبُ أَنْ لَنْ يَقْدِرَ عَلَيْهِ أَحَدٌ

(Ayahsabu al-lai yaqdira 'alaihi ahad)

(अयह सबु अल लैय यक्दिरा अलैहि अहद)

Thinketh he, that none hath power over him?

वो क्या समझता है कि उस पर किसी का बस न चलेगा


6. يَقُولُ أَهْلَكْتُ مَالًا لُبَدًا

(Yaqoolu ahlaktu maalal lubadaa)

(यक़ूलु अहलकतु मालल लु बदा)

He may say (boastfully); Wealth have I squandered in abundance!

वो कहता है : मैंने ढेरों माल ख़र्च कर डाला है


7. أَيَحْسَبُ أَنْ لَمْ يَرَهُ أَحَدٌ

(Ayahsabu al lam yarahooo ahad)

(अयह्सबू अल लम य रहू अहद)

Thinketh he that none beholdeth him?

वो क्या समझता है कि उसको किसी ने देखा नहीं


8. أَلَمْ نَجْعَلْ لَهُ عَيْنَيْنِ

(Alam naj'al lahoo 'aynayn)

(अलम नज अल लहू ऐनैन)

Thinketh he that none beholdeth him?

क्या हम ने उसको दो आँखें


9. وَلِسَانًا وَشَفَتَيْنِ

(Wa lisaananw wa shafatayn)

(व लिसानव व शफतैन)

And a tongue, and a pair of lips?-

एक ज़ुबान और दो होंट नहीं दिए


10. وَهَدَيْنَاهُ النَّجْدَيْنِ

(Wa hadaynaahun najdayn)

(व हदैनाहून नज्दैन)

And shown him the two highways?

और हमने उसको दोनों (खैरो शर) के रास्ते दिखा दिए


11. فَلَا اقْتَحَمَ الْعَقَبَةَ

(Falaq tahamal-'aqabah)

(फलक तहमल अ क़बह)

But he hath made no haste on the path that is steep.

मगर उस से ये न हो सका कि घाटी में दाख़िल हो


12. وَمَا أَدْرَاكَ مَا الْعَقَبَةُ

(Wa maaa adraaka mal'aqabah)

(वमा अद राका मल अ क़बह)

And what will explain to thee the path that is steep?-

और आपको मालूम है कि घाटी क्या है


13. فَكُّ رَقَبَةٍ

(Fakku raqabah)

(फक्कु र क़बह)

(It is:) freeing the bondman;

किसी की गर्दन (गुलामी से) छुड़ाना


14. أَوْ إِطْعَامٌ فِي يَوْمٍ ذِي مَسْغَبَةٍ

(Aw it'aamun fee yawmin zee masghabah)

(अव इत आमून फ़ी यौमिन ज़ी मस्गबह)

Or the giving of food in a day of privation

या भूक के दिनों में खाना खिलाना


15. يَتِيمًا ذَا مَقْرَبَةٍ

(Yateeman zaa maqrabah)

(यतीमन ज़ा मक़ रबह)

To the orphan with claims of relationship,

ऐसे यतीम को जो रिश्तेदार भी है


16. أَوْ مِسْكِينًا ذَا مَتْرَبَةٍ

(Aw miskeenan zaa matrabah)

(अव मिस्कीनन ज़ा मतरबह)

Or to the indigent (down) in the dust.

या ऐसे मिस्कीन को जो धुल में अटा हुआ हो


17. ثُمَّ كَانَ مِنَ الَّذِينَ آمَنُوا وَتَوَاصَوْا بِالصَّبْرِ وَتَوَاصَوْا بِالْمَرْحَمَةِ

(Summa kaana minal lazeena aamanoo wa tawaasaw bissabri wa tawaasaw bilmarhamah)

(सुम्मा कान मिनल लज़ीना आमनू व वतवा सौ बिस सबरि व तवा सौ बिल मर हमह)

Then will he be of those who believe, and enjoin patience, (constancy, and self-restraint), and enjoin deeds of kindness and compassion.

फिर वो उन लोगों में शामिल हुआ जो ईमान लाये हैं, और जिन्होंने एक दुसरे को साबित क़दमी की ताकीद की है और एक दुसरे को रहम खाने की ताकीद की है


18. أُولَٰئِكَ أَصْحَابُ الْمَيْمَنَةِ

(Ulaaa'ika As-haabul maimanah)

(उलाइका अस हाबुल मैमनह)

Such are the Companions of the Right Hand.

यही वो लोग हैं जो दाहिनी तरफ वाले (बड़े नसीबे वाले) हैं


19. وَالَّذِينَ كَفَرُوا بِآيَاتِنَا هُمْ أَصْحَابُ الْمَشْأَمَةِ

(Wallazeena kafaroo bi aayaatinaa hum as-haabul Mash'amah)

(वल लज़ीना कफरू बि आयातिना हुम असहाबुल मश अमह)

But those who reject Our Signs, they are the (unhappy) Companions of the Left Hand.

और जिन लोगों ने हमारी आयतों का इनकार किया वो दाहिनी तरफ़ वाले (नहूसत वाले लोग) हैं


20. عَلَيْهِمْ نَارٌ مُؤْصَدَةٌ

(Alaihim naarum mu'sadah)

(अलैहिम नारुम मुअ सदह)

On them will be Fire vaulted over (all round).

उन पर ऐसी आग मुसल्लत की जाएगी जो उन पर बंद कर दी जाएगी

Sunday, 7 March 2021

Surah Ash-Shams (सूरह शम्स)






بِسْمِ اللّهِ الرَّحْمـَنِ الرَّحِيمِ
(Bismillaahir Rahmaanir Raheem)
(बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहिम)
SAY:In the name of Allah , Most Gracious, Most Merciful.

1.وَالشَّمْسِ وَضُحَاهَا
(Wash shamsi wa duhaa haa)
( वश शम्सि व दुहाहा)
By the Sun and his (glorious) splendour;
क़सम है सूरज की और उसकी रौशनी की

2. وَالْقَمَرِ إِذَا تَلَاهَا
(Wal qamari izaa talaa haa)
(वल क़मरि इज़ा तलाहा)
By the Moon as she follows him
और चाँद की जब वो सूरज के पीछे आये

3. وَالنَّهَارِ إِذَا جَلَّاهَا
(Wannahaari izaa jallaa haa)
(वन नहारि इज़ा जल लाहा)
By the Day as it shows up (the Sun´s) glory;
दिन की जब सूरज को ख़ूब रौशन कर दे

4. وَاللَّيْلِ إِذَا يَغْشَاهَا
(Wallaili izaa yaghshaa haa)
(वल लैलि इज़ा यगशाहा)
By the Night as it conceals it;
रात की जब वो सूरज को छिपा ले

5. وَالسَّمَاءِ وَمَا بَنَاهَا
(Wassamaaa'i wa maa banaahaa)
(वस समाइ वमा बानाहा)
By the Firmament and its (wonderful) structure;
आसमान की और उसके बनाने वाले की

6. وَالْأَرْضِ وَمَا طَحَاهَا
(Wal ardi wa maa tahaahaa)
(वल अरदि वमा तहाहा)
By the Earth and its (wide) expanse:
ज़मीन और उसके बनाने वाले की

7. وَنَفْسٍ وَمَا سَوَّاهَا
(Wa nafsinw wa maa sawwaahaa)
(व नफ्सिव वमा सव वाहा)
By the Soul, and the proportion and order given to it;
और इन्सान की जान की और उस ज़ात की जिस ने उसको ठीक ठीक बनाया

8. فَأَلْهَمَهَا فُجُورَهَا وَتَقْوَاهَا
(Fa-alhamahaa fujoorahaa wa taqwaahaa)
(फ़ अल्हमाहा फुजूरहा व तक्वाहा)
And its enlightenment as to its wrong and its right;-
फिर उसको उसकी बद्किरदारी और परहेज़गारी समझा दी

9. قَدْ أَفْلَحَ مَنْ زَكَّاهَا
(Qad aflaha man zakkaahaa)
(क़द अफ्लहा मन ज़क्काहा)
Truly he succeeds that purifies it,
यक़ीनन जिस ने नफ्स को संवार लिया

10.وَقَدْ خَابَ مَنْ دَسَّاهَا
(Wa qad khaaba man dassaahaa)
(वक़द खाबमन दस्साहा)
And he fails that corrupts it!
और जिस ने उसको ख़ाक में मिला दिया (यानि अपनी ख्वाहिशात का गुलाम बना रहा ) वह घटे में रहा

11. كَذَّبَتْ ثَمُودُ بِطَغْوَاهَا
(Kazzabat Samoodu bi taghwaahaaa)
(कज्ज़बत समूदु बितग वाहा)
The Thamud (people) rejected (their prophet) through their inordinate wrong-doing,
समूद ने तो अपनी सरकशी की वजह से (पैग़म्बर ) को झुटला दिया

12. إِذِ انْبَعَثَ أَشْقَاهَا
(Izim ba'asa ashqaahaa)
(इज़िम बअसा अश क़ाहा)
Behold, the most wicked man among them was deputed (for impiety).
जब उनका सब से बदतरीन शख्स उठ खड़ा हुआ

13. فَقَالَ لَهُمْ رَسُولُ اللَّهِ نَاقَةَ اللَّهِ وَسُقْيَاهَا
(Faqaala lahum Rasoolul laahi naaqatal laahi wa suqiyaahaa)
(फ़ क़ाल लहुम रसूलुल लाहि नाक़तल लाहि व सुक्याहा)
But the Messenger of Allah said to them: "It is a She-camel of Allah! And (bar her not from) having her drink!"
तो अल्लाह के पैग़म्बर ने उन से कहा : ख़बरदार ! अल्लाह की ऊंटनी का और उसके पानी पीने का पूरा ख़याल रखना

14. فَكَذَّبُوهُ فَعَقَرُوهَا فَدَمْدَمَ عَلَيْهِمْ رَبُّهُمْ بِذَنْبِهِمْ فَسَوَّاهَا
(Fakazzaboohu fa'aqaroohaa fadamdama 'alaihim Rabbuhum bizambihim fasaw waahaa)
(फ़ कज्ज़बूहु फ़ अक़रूहा फ़दमदमा अलैहिम रब्बुहुम बिज़म बिहिम फ़सव्वाहा)
Then they rejected him (as a false prophet), and they hamstrung her. So their Lord, on account of their crime, obliterated their traces and made them equal (in destruction, high and low)!

15. وَلَا يَخَافُ عُقْبَاهَا
(Wa laa yakhaafu'uqbaahaa)
(वला यख़ाफु उक्बाहा)
And for Him is no fear of its consequences.
और अल्लाह को उसके किसी बुरे अंजाम का कोई खौफ़ नहीं है

Naat sharif and takrir in mp4